तुम साथ मेरे होते तो अच्छा होता
तुम साथ मेरे होते तो अच्छा होता
तुम पास मेरे होते तो अच्छा होता
तन्हाइयो में बैठ बहाते जो आंसू अक्सर
गले तेरे लग के हम रोते तो अच्छा होता
हर हसरत पूरी होती ख्वाब सुहाने हम देखा करते
ख्वाब अधूरे पूरे होते तो अच्छा होता
मैं अपनी तुमको बतलाती तुम अपनी हमको बतलाते
ऐसे ही जीवन कट जाता तो अच्छा होता
आँखें मेरी तुझसे जब दर्द बयां करती मेरा
और चूम लेते तुम आँखों को तो अच्छा होता
तुम जिस दर्द को अकेले पीते हो
हम साथ उसे मिल पीते तो अच्छा होता
ख़ुशी कोई होती या होता कोई गम
हम जिंदगी ऐसे हे जी लेते तो अच्छा होता
सपने तो सपने हैं कब पुरे होते है "रूप"
पर ये सपना सच होता तो अच्छा होता
रूपम बाजपेई "रूप"
तुम साथ मेरे होते तो अच्छा होता
तुम पास मेरे होते तो अच्छा होता
तन्हाइयो में बैठ बहाते जो आंसू अक्सर
गले तेरे लग के हम रोते तो अच्छा होता
हर हसरत पूरी होती ख्वाब सुहाने हम देखा करते
ख्वाब अधूरे पूरे होते तो अच्छा होता
मैं अपनी तुमको बतलाती तुम अपनी हमको बतलाते
ऐसे ही जीवन कट जाता तो अच्छा होता
आँखें मेरी तुझसे जब दर्द बयां करती मेरा
और चूम लेते तुम आँखों को तो अच्छा होता
तुम जिस दर्द को अकेले पीते हो
हम साथ उसे मिल पीते तो अच्छा होता
ख़ुशी कोई होती या होता कोई गम
हम जिंदगी ऐसे हे जी लेते तो अच्छा होता
सपने तो सपने हैं कब पुरे होते है "रूप"
पर ये सपना सच होता तो अच्छा होता
रूपम बाजपेई "रूप"
वाह! बहुत सुंदर
ReplyDeletedhanyvaad Utpal ji
DeleteWaahhhhh bahut khubbbb
ReplyDeleteDhanyavaad Ashok ji
Deleteअत्यंत भावपूर्ण अभिव्यक्ति
ReplyDelete(मेरी एक टिप्पणी जाने किधर गई ..पुनः प्रकाशित )
This comment has been removed by the author.
DeleteDhanyavaad Anurag Bhaiya
Deletebahut khoob...
ReplyDeleteThanku Deepak :)
DeleteSuperb roop :-)
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