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Thursday, 12 March 2015

तेरे होंठो से सज जाऊ दुआ होने को जी चाहता है 
मेरी दुनिया भुला कर बस तेरा होने  को जी चाहता है,

यूँ  सब के सामने अठखेलियां करती है ये तुझसे 
के मेरा बेइरादा ही  हवा होने को जी चाहता है, 

तू मेरा रुठने पे इस तरह मुझको मनाता है 
कभी  बेवजह तुझसे खफा होने को जी चाहता है,

कभी तुझसे मिले बिन जिंदगी बेकार लगती है 
कभी तुझसे बिछड़ने को जुड़ा होने को जी चाहता है !!!!!

2 comments:

  1. Very good my friend

    कभी तू दर्द में मुझे याद करता है,
    तो तेरे हर दर्द की दवा होने को जी चाहता है |

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