माँ तुम्हारे लिये......!
तेरी लाड़ली बिटिया हूँ मैं तुझसे दूर कैसे रह पाऊँ :-
तेरे बिन मैं जी न पाऊँ , तुझसे दूर हो कर घबराऊ
तेरी लाड़ली बिटिया हुँ मैं तुझसे दूर कैसे रह पाऊँ
मुझे जिंदगी देनेवाली, तुझ बिन सांस कैसे ले पाऊँ
तेरी लाड़ली बिटिया हुँ मैं तुझसे दूर कैसे रह पाऊँ
तू जो एक बार हँस दे , फूल सी मैं खिल जाऊँ
तेरी आँखों में जो आँसू आ जाये , खुद को भी रोक न पाऊँ
तेरी लाड़ली बिटिया हूँ मैं तुझसे दूर कैसे रह पाऊँ
बुरे वक़्त पे रिश्ते नाते तोड़ते हैं.....
माँ के आँचल सिर पर सदा साथ होते हैं.....
माँ के आँचल के साये से फिर कैसे दूर रह पाऊँ
तेरी लाड़ली बिटिया हुँ मैं तुझसे दूर कैसे रह पाऊँ
खुद को अकेला जब समझू, साथ सदा तुझको पाऊँ
तेरे वात्सल्य की छाँव में खुद को सुरक्षित पाऊँ
तेरी लाड़ली बिटिया हु मैं तुझसे दूर कैसे रह पाऊँ। ....
-रूपम बाजपाई "रूप"
बहुत खूब, बहुत सुंदर, लाजवाब, माताजी को प्रणाम | :)
ReplyDeleteधन्यवाद उत्पल जी :)
Deleteमाँ के लिए बेहतरीन रचना ...
ReplyDeleteहार्दिक आभार 🙏
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